Thursday, April 26, 2007

बाबा राम देव भले आदमी हैं
कित ने मोटे ख़ून चूसने ए वालों को सेहतमंद बाना रहें हैं
क्या भारत के ८० प्रतिशत लोगों को योग सीखने कि जरूरत है वोह तो विचारे पहले से ही
जिन्दगी कि कशमकश और संघर्ष में अपना जीवन जैसे तैसे कट रहें हैं
जिन लोगों को बाबाजी योग सिखा रहें हैं वोह ही तो ज़्यादातर शोषक हैं या भ्रस्ताचार मैं लिप्त हैं। बाबाजी कितनी ईमानदारी से कमिस्श्नेर मैजिस्ट्रेट और अन्य पतित तथा चरित्रेहीं लोगों को सही रस्ते पर लाने की कोशिश कर रहें हैं पर क्या यह वर्ग कभी सुधर पायेगा
बाबाजी इन से क़सम लो कि ये कभी करप्शन में भाग नहीं लेगें और अच्चा आचरण करेंगे नहीं तो इन पापियों को सुधारान्ने से क्या फायदा ?
सोचो भाई सोचो
ब्रिज खंडेलवाल २७ अप्रील २००७

में अंग्रेजी में हिंदी लिख रहा हूँ इसलिये गलतियां हो रही हैनं

Tuesday, April 24, 2007

agrawasis

हेल्लो

यह एक नया ब्लोग आगरा वालों के नाम शुरू किया है। इतनी प्रोब्लेम्स हैं और इतने विचार हैं ।

आगरा की प्रमुख प्रोब्लेम्स यह हैं

पीने का पानी यानी यमुना नदी की बर्बादी ।

क्या अग्रवासी इस बारे में कुछ नहीं कर सकते?

यमुना एक्शन प्लान द्वितीय शुरू हो चूका है । तमाम संस्थाएं सक्रिय हो गयी हैं फंड्स मारने को

मेरा विचार है कि जिन्हें चिन्ता है वोह लोग मिल जुल कर अक नयी कार्य योजना बनायें और सरकारी विभागों को मजबूर करें कि उन पर अमल किया जाये

दूसरा मुद्दा जिस पर कार्य किया जाना है वोह है आगरा में एक इंटरनेशनल एअरपोर्ट कि स्थापना

यह मामला देल्ही लोब्बिए की वजह से लटका हूहा है

बाकी अगली बार

ब्रिज खंडेलवाल